Author: pawan
Watch “Hindi shayari dua oneliner” on YouTube
One line shayri #2
One line shayri
गरीब का दर्द
मेरा दुख़ दुःख नहीं ये तो नियति है साहब
भूखे पेट सोना तो आदत रही है।
आप बस अमीरों की चिंता करना कुछ दिन से कचरे में पिज़्ज़ा के बॉक्स नहीं मिल रहे, मेहरबानी उनकी
और फ़िर गरीब तो वैसे ही जमाने पर बोझ रहा है।
ये दुनियां कितनी बेईमान हो गई है
हर कोई गरीब बन कर गरीब का मज़ाक बनाने लगा है।
अब उनको क्या पता गरीबी क्या होती है
पंखे में सोने को गरीबी नहीं कहते
छत के नीचे सोने को भी गरीबी नहीं कहते
हर वो चीज़ जो तुम्हारे ज़हन में है उसे भी गरीबी नहीं कहते।
जानते हो फिर मेरी गरीबी क्या है
मेरे अधिकारों का हनन गरीबी है
मेरी मजबूरी का फायदा उठाना गरीबी है
सिर्फ मेरे ही लिए नियम बनाना गरीबी है।
मेरे ये इल्म में लिखता जाऊंगा और तुम कुछ नहीं कर सकते उसका कारण भी मेरी ही गरीबी है।
मेरी और आपकी बराबरी तो सिर्फ एक ही कतार में होती है जब हम दोनों वोट देने जाते हैं
बाकी तो सब के चेहरे ज़ग जाहिर हैं।
हमसे बोलते हो की हम ही नियम नहीं मानते तो साहब हकीक़त से आप भी रूबरू हों कभी,
नियम तो मेरी मजदूरी का भी है तब क्यूं नहीं आते ?
कुछ अतिशिक्षित मुझे कहते हैं बाहर नहीं निकलो
अब इनको कैसे बताऊं ये आसमां ही मेरी छत है ,जो दिन में सुनहरा और रात में इस ज़िन्दगी के जैसे काला हो जाता है जिसमें सिर्फ उम्मीद के तारे टिमटिमाते हैं।
अरे किसी भी बच्चे के सुख के लिए में हज़ारों मील पैदल चल जाऊं, पर साहब बच्चे हमारे भी तो हैं।
जिनको, उनका ये कलम उठाना संघर्ष लगता है
तो एक बार सर पर पत्थर उठाते हमारे इन मासूमों की ओर भी देख लो।
अगर वो राष्ट्र की होने वाली धरोहर हैं तो ये बदकिस्मत भी इस देश के अतीत और वर्तमान का ही आइना हैं
जिसे आप तोड़ तो सकते हैं लेकिन ये तब आप ही को चुभेगा।
मुझे आपसे की शिकवा नहीं ओर नाही कोई बड़ी उम्मीद है बस इतना सा था, कुछ इंतेज़ाम हमारे लिए भी हो जाता तो बच्चो के ये ज़ख्म जल्दी भर जाते।
जाने जो साहब ये हाथ जुड़ते हुए ही अच्छे लगते है अगर हम भी लिखेंगे तो आप क्या करेंगे
एक ही कागज़ मिला था तो दर्द लिख दिया वरना कागज़ से सस्ती तो मेरी ज़िंदगी है।
– By Premkavi